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सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु के आदेश में किया संशोधन, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की मंजूरी जैसी अनिवार्यता को किया जाएगा खत्म

सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु के आदेश में किया संशोधन, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की मंजूरी जैसी अनिवार्यता को किया जाएगा खत्म

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने इस बात पर सहमति जताई कि लिविंग विल/एडवांस मेड के दिशानिर्देशों में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है। 2018 में कोर्ट ने नागरिकों को लिविंग विल का अधिकार दिया था। इसके तहत कोई व्यक्ति होश में रहते यह लिख सकता है कि गंभीर बीमारी की स्थिति में उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर जबरन जिंदा न रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उस शर्त को हटा दिया, जिसमें गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को जीवन समर्थन वापस लेने के लिए मजिस्ट्रेट की मंजूरी अनिवार्य थी।